सत्यशोधक राहुल सांकृत्यायन
विशेष आलेख : गणेश कछवाहा
"हमें अपनी मानसिक दासता की बेड़ी की एक-एक कड़ी को बेदर्दी के साथ तोड़कर फेंकने के लिए तैयार रहना चाहिए। बाहरी क्रांति से कहीं ज़्यादा ज़रूरत मानसिक क्रांति की है। हमें आगे-पीछे, दाहिने-बाएं दोनों हाथों से नंगी तलवारें नचाते हुए अपनी सभी रूढ़ियों को काटकर आगे बढ़ना…
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