लोकतंत्र का गला घोंटने पर आमादा भाजपा सरकारें
बादल सरोज
भारत को दुनिया के लोकतंत्र की माँ बताते हुए, असहमतियों का सम्मान करने का दावा करते हुए गाल कितने भी बजाये जाएँ, मगर असलियत में तानाशाही के पैने नाखून संविधान के साथ-साथ उसमें दिए बुनियादी जनतांत्रिक अधिकारों को तार-तार कर देने की जिद ठाने बैठे है। फिल्म हो या यूट्यूब के चैनल, सभा,…
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