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Three short

राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य

1. पर इस्तीफा कभी नहीं यह तो विरोधियों की घनघोर टाइप की ज्यादती है। पहले इसकी रट लगा रखी थी कि नीट परीक्षा में गड़बड़–घोटाले के लिए नैतिक जिम्मेदारी लो। शिक्षा मंत्री ले‚ एनटीए के निदेशक ले‚ कोई तो नैतिक जिम्मेदारी लो। और अब जब धर्मेंद्र प्रधान जी ने नैतिक जिम्मेदारी मान ली है‚ तो भाई लोगों…
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राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य

1. डैमोक्रेसी की कॉमेडी ये लो कर लो बात। विपक्षियों के हिसाब से एक बार फिर डैमोक्रेसी का मर्डर हो गया। तमाचा-वमाचा भी नहीं, लात-घूंसा भी नहीं, लाठी-वाठी भी नहीं, सीधे मर्डर। और वह भी मोदी जी और महादेव की नगरी, काशी में। कब, कैसे? मोदी जी की नकल उतारने वाले कॉमेडियन श्याम रंगीला को, मोदी जी के…
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राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य

1. दोस्त -- दोस्त ना रहा! इन विरोधियों को मोदी जी कभी माफ नहीं करेंगे। दिल से माफ करना छोड़ो, कहने को भी माफ नहीं करेंगे। बताइए, पीछे पड़ पड़ के, पीछे पड़ पड़ के, बेचारे से पाप करा दिया। वही रात-दिन एक ही रट -- तुम्हारा दोस्त अडानी, तुम्हारा दोस्त अंबानी। वही रात दिन एक ही शिकायत, तुम्हारे…
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