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Rajendra Sharma

राजेंद्र शर्मा के दो व्यंग्य

वन नेशन, नो इलेक्शन! खुद को विद्वान मानने वालों की यही सबसे बड़ी प्राब्लम है। इनका बस चले, तो ये तो मोदी जी को कोई बड़ा काम करने ही नहीं दें ; मोदी जी को इतिहास की शिला पर अपना नाम गहराई तक खुदवाने ही नहीं दें। मोदी जी ने नोटबंदी करायी, तो भाई लोगों ने फेल-फेल का हल्ला मचा दिया। गिन-गिन के…
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राजेंद्र शर्मा के तीन व्यंग्य

1. भारत एक कांवड़िया प्रधान देश है भारत एक कांवड़िया प्रधान देश है। वो जमाने कब के लद गए, जब भारत एक कृषि प्रधान देश हुआ करता था। तब हम एक पिछड़ा हुआ देश थे। तब तो मोदी जी भी नहीं आए थे। कंगना जी की बात मानें, तो भारत को आजादी तक नहीं मिली थी। पर अब नहीं। अब आजादी भी आ चुकी है, मोदी जी भी आ…
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राजेंद्र शर्मा के दो व्यंग्य

1. हिंदू पानी, मुसलमान पानी! देखा, देखा, सेकुलर वालों का चंटपना देखा। मोदी जी, योगी जी कुछ भी करें, कितना ही शुद्धता-पवित्रता का ख्याल करें, ये पट्ठे हर चीज को घुमा देते हैं और उसमें सेकुलर-कम्युनल वाला एंगल घुसा देते हैं। अब बताइए, योगी जी की पुलिस ने मुजफ्फरनगर जिले में जो आर्डर निकाला था कि…
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राजेंद्र शर्मा के तीन व्यंग्य

1. राम नाम पर लूट है कौन जानता था कि ये राम विरोधी इतने गिर जाएंगे। बताइए, पहले मोदी जी का विरोध करते-करते, राम का विरोध करने लगे। पर अब तो ये राम तो राम, रामकृपा का भी विरोध करने तक चले गए हैं। कहते हैं कि राम मंदिर बनने से पहले, राम की नगरी में जमीनों की खरीद-बिक्री में जो करोड़ों-अरबों…
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राजेंद्र शर्मा के तीन व्यंग्य

1. हिंदू खतरे में हैं ! अब सेकुलर वाले क्या कहेंगे? क्या हिंदू अब भी खतरे में नहीं है? क्या हिंदुओं के खतरे में होने बात सिर्फ अफवाह है, जो हिंदुओं के खतरे में होने की दुकान चलाने वालों ने फैलायी है? अगर हिंदुओं के खतरे में होने की बात कोरी गप्प है, तो वह क्या है जो हाथरस में भोले बाबा के…
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राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य

1. पर इस्तीफा कभी नहीं यह तो विरोधियों की घनघोर टाइप की ज्यादती है। पहले इसकी रट लगा रखी थी कि नीट परीक्षा में गड़बड़–घोटाले के लिए नैतिक जिम्मेदारी लो। शिक्षा मंत्री ले‚ एनटीए के निदेशक ले‚ कोई तो नैतिक जिम्मेदारी लो। और अब जब धर्मेंद्र प्रधान जी ने नैतिक जिम्मेदारी मान ली है‚ तो भाई लोगों…
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राजेंद्र शर्मा के दो लघु व्यंग्य

1. दुहाई राम जी दुहाई! राम जी ये आपने बिल्कुल भी ठीक नहीं किया। बताइए, अपनी नगरी में ही अपने ध्वजाधारियों को हरवा दिया। बात सिर्फ किसी लल्लू सिंह की हार-जीत की होती, तो चलो आपकी दिल्लगी समझ कर दिल को समझा भी लेते। पर खुद मोदी जी का फोटो हर जगह मैदान में था, आपने फिर भी हरवा दिया। आप को पता भी…
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राजेंद्र शर्मा के दो लघु व्यंग्य

1. अब की बार नरेंद्रावतार! हम तो पहले ही कह रहे थे कि अब और इंतजार क्यों करना? नरेंद्र मोदी जी को अवतार घोषित कर देना चाहिए। सच तो यह है कि जब मोदी जी ने उंगली पकड़ाकर, राम लला को अयोध्या में उनके घर पहुंचा दिया, उसके बाद भी उन्हें अवतार घोषित नहीं करना तो बाकायदा उल्टा भी पडऩे लगा था।…
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राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य

1. डैमोक्रेसी की कॉमेडी ये लो कर लो बात। विपक्षियों के हिसाब से एक बार फिर डैमोक्रेसी का मर्डर हो गया। तमाचा-वमाचा भी नहीं, लात-घूंसा भी नहीं, लाठी-वाठी भी नहीं, सीधे मर्डर। और वह भी मोदी जी और महादेव की नगरी, काशी में। कब, कैसे? मोदी जी की नकल उतारने वाले कॉमेडियन श्याम रंगीला को, मोदी जी के…
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राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य

1. दोस्त -- दोस्त ना रहा! इन विरोधियों को मोदी जी कभी माफ नहीं करेंगे। दिल से माफ करना छोड़ो, कहने को भी माफ नहीं करेंगे। बताइए, पीछे पड़ पड़ के, पीछे पड़ पड़ के, बेचारे से पाप करा दिया। वही रात-दिन एक ही रट -- तुम्हारा दोस्त अडानी, तुम्हारा दोस्त अंबानी। वही रात दिन एक ही शिकायत, तुम्हारे…
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