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Rajendra Sharma

राजेंद्र शर्मा के दो लघु व्यंग्य

1. दुहाई राम जी दुहाई! राम जी ये आपने बिल्कुल भी ठीक नहीं किया। बताइए, अपनी नगरी में ही अपने ध्वजाधारियों को हरवा दिया। बात सिर्फ किसी लल्लू सिंह की हार-जीत की होती, तो चलो आपकी दिल्लगी समझ कर दिल को समझा भी लेते। पर खुद मोदी जी का फोटो हर जगह मैदान में था, आपने फिर भी हरवा दिया। आप को पता भी…
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राजेंद्र शर्मा के दो लघु व्यंग्य

1. अब की बार नरेंद्रावतार! हम तो पहले ही कह रहे थे कि अब और इंतजार क्यों करना? नरेंद्र मोदी जी को अवतार घोषित कर देना चाहिए। सच तो यह है कि जब मोदी जी ने उंगली पकड़ाकर, राम लला को अयोध्या में उनके घर पहुंचा दिया, उसके बाद भी उन्हें अवतार घोषित नहीं करना तो बाकायदा उल्टा भी पडऩे लगा था।…
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राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य

1. डैमोक्रेसी की कॉमेडी ये लो कर लो बात। विपक्षियों के हिसाब से एक बार फिर डैमोक्रेसी का मर्डर हो गया। तमाचा-वमाचा भी नहीं, लात-घूंसा भी नहीं, लाठी-वाठी भी नहीं, सीधे मर्डर। और वह भी मोदी जी और महादेव की नगरी, काशी में। कब, कैसे? मोदी जी की नकल उतारने वाले कॉमेडियन श्याम रंगीला को, मोदी जी के…
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राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य

1. दोस्त -- दोस्त ना रहा! इन विरोधियों को मोदी जी कभी माफ नहीं करेंगे। दिल से माफ करना छोड़ो, कहने को भी माफ नहीं करेंगे। बताइए, पीछे पड़ पड़ के, पीछे पड़ पड़ के, बेचारे से पाप करा दिया। वही रात-दिन एक ही रट -- तुम्हारा दोस्त अडानी, तुम्हारा दोस्त अंबानी। वही रात दिन एक ही शिकायत, तुम्हारे…
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