दहशत और उसे बनाए रखने का घना जाल है इस खामोशी के पीछे
आलेख : बादल सरोज
पहले आम चुनाव के बाद 1977, 84 और 89 को छोड़कर इस बार का चुनाव भारत के संसदीय लोकतंत्र में संभवतः सबसे ज्यादा गहमागहमी वाला चुनाव है। इसके बावजूद और खुद प्रधानमंत्री सहित सत्ता पार्टी द्वारा इस चुनाव में उन्माद भड़काने की हर संभव-असंभव-अप्रत्याशित-आपराधिक कोशिशों के बावजूद अप्रैल से…
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