न नीट, न क्लीन, नियुक्ति भी मलिन!
बादल सरोज
बुजुर्गवार कह गए हैं कि इच्छाओं की कोई सीमा नहीं होती, वे लालच से लालसा में परिवर्तित होते हुए हवस तक पहुँचने की सम्भावनाओं से भरी होती हैं। यह बात इन दिनों हर मामले में नुमायाँ होती नजर आ रही है। पेपर लीक में अक्खा दुनिया में विश्व गुरु बनने के बाद भी लालसा पूरी नहीं हुई, तो अब कुछ…
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