लिफाफे का नया चलन….
-अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)
हम भारतीयों के जीवन में लिफाफे का महत्व किसी मूल्यवान वस्तु से कम नहीं है। शादी हो, सालगिरह हो, बच्चे का जन्म हो, या फिर कोई और खास मौका, शगुन का लिफाफा हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। लेकिन जरा सोचिए, क्या हो अगर ये परंपरा सिर्फ खुशी के मौकों तक…
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