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Namonishan

बाद-ए-फना फिजूल है, नामोनिशां का जिक्र!

सुशील उपाध्याय। चकबस्त का एक मशहूर शेर है,"बाद-ए-फना फिजूल है नामोनिशां का जिक्र, जब हम न रहे तो रहेगा मजार क्या।" चकबस्त अगर हरिद्वार में ऋषिकुल के गंगा घाट पर उन लोगों को देखते हैं जो यहां अपने नाम का बड़ा-सा बोर्ड लगवा रहे हैं तो उन्हें अपने शेर पर संदेह होने लगता। खैर, इन लोगों को यकीन है…
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