कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य का जाना, जैसे हो गया मन का एक कोना सूना!
टिप्पणी : संजय पराते
मन के इतिहास का एक कोना खाली हो गया और कविता की किताब का एक पन्ना फट गया। कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य का आज सुबह इस दुनिया को अलविदा कहना कुछ इसी तरह की बात है। उनका जाना केवल वामपंथ और माकपा के लिए ही क्षति नहीं है, उन सबके लिए क्षति है, जो मार्क्सबाद, सिनेमा और साहित्य को…
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