राजनीति के चक्रव्यूह में बुरी तरह फंस गये हरक
देहरादून। एक पुरानी कहावत है कभी नाव ठेले पर तो कभी ठेला नाव पर। उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों यह कहावत डा. हरक सिंह रावत पर सटीक बैठती है। कभी हरक सिंह राजनीतिक संकटों को चुटकी बजाकर हल कर दिया करते थे, लेकिन बेबस हरक आज ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। यह बिलकुल राजनीति के चक्रव्यूह जैसा ही दृश्य है।…
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