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पलाश सुरजन ‘लोकजतन सम्मान’ से अभिनंदित, ‘शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान’…

बादल सरोज संपादक, लोकजतन भोपाल। जनोन्मुखी पत्रकारिता के प्रति समर्पित, साहित्य धर्मी एवं पत्रकारिता के उच्चतर मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध 'देशबन्धु' के प्रकाशक-सम्पादक पलाश सुरजन को आज 'लोकजतन सम्मान - 2024' से अभिनंदित किया गया। लोकजतन परिवार की ओर से उन्हें यह सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार राजेश…
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धर्म व भाषा के नाम पर वोट मांगने के आचरण के खिलाफ दायर याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सोमवार को निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करने का आदेश दिया, जिसमें धर्म, जाति और भाषा के नाम पर वोट मांगने के ‘‘भ्रष्ट’’ आचरण पर अंकुश लगाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का एक स्वतंत्र आयोग नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है।…
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हर भाषा को संभाल कर रखना लेखकों का कर्त्तव्य

भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu)ने आज देश में भाषाओं के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि हर भाषा (language) को संभाल कर रखना लेखकों का कर्त्तव्य है और एक भाषा की पुस्तकों का दूसरी भाषाओं में अनुवाद से साहित्य और ज्यादा समृद्ध होगा। उत्कर्ष एवं उन्मेष के…
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‘हिन्दी’ जनमानस की भाषा

1953 से भारत में हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में इसे राजभाषा बनाने का रखा था प्रस्ताव चाणक्य मंत्र ब्यूरो, देहरादून। हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को पहचानता है और युवा…
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दुनिया की भाषा बन रही है अब हिंदी

श्रीगोपाल नारसन    विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के उपकुलसचिव व हिंदी भाषा के साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन ने विश्व हिंदी दिवस पर कहा कि  अब हिंदी उपेक्षित नही बल्कि दुनिया की भाषा के रूप में स्वीकार्य हो रही है।जो एक शुभ संकेत है। विश्व हिंदी दिवस पर जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि आज दुनिया में…
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दोगुनी हो विदेशी भाषाओं की संख्या

डॉ सुशील उपाध्याय देश की नई शिक्षा नीति में भाषाओं पर काफी विमर्श हुआ। खासतौर से विदेशी भाषाओं के अध्ययन की स्थिति ने काफी ध्यान खींचा। चूंकि, नई शिक्षा नीति करीब 35 साल के अंतराल के बाद लागू की गई है इसलिए वैश्विक स्तर पर भाषाओं की ताकत में भी बदलाव आया है। मसलन, इस दौरान रूसी भाषा की…
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हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बनी

पिथौरागढ़ । नई सदी की नई हिंदी, विकास के नए आयाम लेकर आई है। आज हिंदी की वह स्थिति नहीं जो आज से एक सदी पहले थी। पिछली सदी हिंदी के संघर्ष की सदी थी पर आज नहीं। आज हिंदी संवैधानिक से ही महत्वपूर्ण नहीं है अपितु सामाजिक और व्यावसायिक दृष्टि से भी इसकी आवश्यकता है। भाषा का स्वरूप ऐतिहासिक होता…
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हमें मातृभाषा और राष्ट्रभाषा पर अभिमान होना चाहिए : कोश्यारी

देहरादून। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के लोकसभा व राज्यसभा में दिए गए भाषणों एवं याचिका समिति के अध्यक्ष के रूप में दिए गए निर्णयों  पर आधारित पुस्तक “भारतीय संसद में भगत सिंह कोश्यारी“ पुस्तक के संबंध में उनकी उपस्थिति में परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी…
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