हराम की खानेवाले
विष्णु नागर ,व्यंग्य
यहां हराम की खाने वाले हर हालत में हराम की ही खाते हैं। मेहनत की कोई गलती से भी उन्हें खिला दे, तो बेचारों को दस्त लग जाते हैं। उन्हें किसी दिन खाने को न मिले, तो वे भूखे रह जाएंगे, मगर खाएंगे तो सिर्फ और केवल हराम की खाएंगे। वही इनको रुचता भी है और पचता भी है, चाहे उसमें…
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