धर्मा जी और मंत्री जी
विष्णु नागर
यह तब की बात है, जब धर्मा जी घर में शर्ट में पजामा खोंसे रहते थे और बाहर जाते थे तो पैंट- शर्ट पहन लेते थे। तब तक वे आगे बढ़ते-बढ़ते अखबार के सहायक संपादक पद पर पहुंच चुके थे। उनकी कलम में इतनी धार आ चुकी थी कि उनके लेखों से प्रभावित होकर एक मंत्री जी ने उन्हें अपने दफ्तर में…
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