बंद पर्ची से निकलते मुख्यमंत्री!
बादल सरोज
कहावतें सभ्यता के लम्बे अनुभव से जन्मती और आकार लेती हैं। कुछ प्राचीन सभ्यताओं की कहावतें अलग-अलग भाषाओं में ऐसे रच बस जाती हैं, जैसे वहीं की हों। वहीं कुछ कहावतें एक जैसे अर्थों के साथ अलग कालखण्ड में अलग-अलग भाषाओं में बनती हैं। इसी किस्म की एक कहावत है कि सफलता के अनेक माँ-बाप…
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