Browsing Tag

लहरये

काश फिर कोई नगमा इस फिजा में लहरये ,दूर से सही लेकिन आप की तरह आये !

दुःख है उसके चले जाने का बड़े भाई डी के प्रजापति से मेरी मुलाक़ात हुई शायद ज़ब मे कक्षा 12 में पढ़ता था ! वे सहारा इंडिया में कार्य करते थे , साथ ही पत्रकारिता करते थे ! इसकी जानकारी मुझे बहुत दिनों बाद हुई ! मुलाक़ातो का दौर लगभग रोज होता , परन्तु कभी पता ही नहीं चला की मै इतने विशाल व्यक्ति से मिलता…
Read More...