महात्मा रावण
सुशील उपाध्याय
उनकी सुदीर्घ काया, सीने पर लहराती सफेद दाढ़ी, मोटे फ्रेम का चश्मा, लंबे डग भरते पांव और रौबीली आवाज सुनकर पहली निगाह में किसी भी छात्र को डर का अहसास होने लगता था। उनका नाम भी भारी भरकम था-भोपाल सिंह शर्मा पौलत्स्य! सिंह, शर्मा और पौलत्स्य, वे तीनों एक साथ थे।
सुबह की प्रार्थना…
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