चारधाम में डरावनी भीड़
सुशील उपाध्याय
देहरादून। जून, 2013 को एक बार फिर याद कर लीजिए। हजारों लोगों का आज भी नहीं पता कि उनका क्या हुआ, बस इतना ही पता है कि वे केदारनाथ आपदा में मारे गए थे। इस साल जिस तरह बदरीनाथ और केदारनाथ में भीड़ जुटी हुई है, उससे डर लगना स्वाभाविक ही है।
और ये भीड़ कम होने की बजाय रोजाना बढ़…
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