सीबीआई से कैसा ‘डर’!
व्यापम घोटाले में बैन कंपनी को काम देने की क्या मजबूरी थी?
भर्ती घोटालों में ‘महाएक्शन’, लेकिन मास्टरमाइंड गिरफ्त से बाहर
-मौहम्मद शाहनजर, देहरादून।
‘विसाल-ए-यार से दूना हुआ इश्क, मर्ज बढ़ता गया, ज्यों ज्यों दवा की’, ये पक्तियां हैं, मशहूर शायर शाद लखनवी की। जिसका अर्थ है ‘सुधार के बजाय बिगाड़…
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