मसूरी कब आएगा!
सुशील उपाध्याय।
कह पाना मुश्किल है कि हम अपने परिवेश और आसपास को देखना बंद कर देते हैं या वो दिखना बंद हो जाता है। वो सब भी नजर नहीं आता जो दूसरों की निगाह में बहुत खास और अनूठा है। फिर, अचानक कोई पुतलियों पर जमा गर्द को पौंछ देता है और आंखें फैलकर बड़ी हो जाती हैं। सब कुछ इतने पास और इतना साफ…
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