पांच साल में पूरा होगा देशी पशुओं की नस्ल पहचान का काम
नयी दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान) बी एन त्रिपाठी ने कहा कि अगले पांच-छह वर्षों में देशी पशु-पक्षियों के नस्लों की पहचान कर ली जायेगी जिससे उन्हें आनुवांशिक रूप से संरक्षित और संवर्धित किया जा सकेगा जिसका पूरा लाभ किसानों को मिलेगा।
डॉ त्रिपाठी ने पशुधन नस्ल…
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