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इंटरव्यू

जी हां! हंसना मना है…

सच पूछिए, तो इस आपके बंदे ने भी अब तक फिल्म नहीं देखी। दो-तीन राष्ट्रवादी पटकाधारी भूतपूर्व मित्रों की नेक सलाह के बाद भी। उन्होंने सलाह तो कम, टोका ज्यादा था। यही कि यार! चाहे आलोचना करना। लेकिन एक बार फिल्म को देख लो। रोए बिना रह जाओ? तो हमारा नाम बदल देना। यह लाफ्टर चैलेंज नहीं, राष्ट्र प्रेम का…
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सियासत: बदलती निष्ठाओं से आहत पार्टियां

विचारधारा से ज्यादा सत्ता सुख का मोह लुभा रहा नेताओं को डॉ. संजीव मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। दल-बदल से लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। चुनाव आयोग की सख्ती से बड़ी जनसभाओं और गली-गली लाउडस्पीकर का शोर तो नहीं सुनाई दे रहा…
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