गुजरात में उलटफेर: भूपेंद्र पटेल की नई टीम तैयार, कौन बनेगा मंत्री? आज होगा खुलासा

गांधीनगर। गुजरात की राजनीति में गुरुवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर राज्य सरकार के सभी मंत्रियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं और आज शाम तक राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात कर नए मंत्रिमंडल गठन का दावा पेश करने की संभावना जताई जा रही है।

राज्य में इस अचानक हुए घटनाक्रम को आगामी राजनीतिक रणनीति और प्रशासनिक फेरबदल से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि यह बदलाव भाजपा की “नई ऊर्जा और नई टीम” तैयार करने की कवायद का हिस्सा है, ताकि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र सरकार की छवि और कार्यक्षमता को और मजबूत किया जा सके।

सूत्रों के अनुसार, मौजूदा मंत्रियों में से केवल हर्ष सांघवी और रुशिकेश पटेल को ही नई कैबिनेट में बनाए रखने की संभावना है। बाकी अधिकांश मंत्रियों को बदलने पर विचार किया जा रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि करीब 10 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं, जिनमें युवा और महिला नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल का विस्तार शुक्रवार को होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने इस फेरबदल के लिए उच्च नेतृत्व से मंजूरी ले ली है। भाजपा आलाकमान ने इस कदम को “गुजरात मॉडल 2.0” की दिशा में एक और प्रयास बताया है, जिससे प्रशासनिक कामकाज में नई ऊर्जा और पारदर्शिता आएगी।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम आगामी चुनावी तैयारी और संगठन में संतुलन बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है। भाजपा चाहती है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर का असर कम हो और जनता के बीच एक नई टीम की छवि बन सके।

हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह इस्तीफे किसी असंतोष का नतीजा नहीं हैं, बल्कि एक “संगठित और योजनाबद्ध रणनीति” का हिस्सा हैं। नए मंत्रियों की सूची को लेकर नामों पर गहन मंथन चल रहा है और संभावित चेहरों में संगठन से जुड़े कई सक्रिय नेताओं के नाम शामिल हैं।

राज्य की राजनीति में इस अप्रत्याशित कदम ने हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इस सामूहिक इस्तीफे को सरकार की “विफल नीतियों” और “आंतरिक असंतुलन” का नतीजा बताया है, जबकि भाजपा ने इसे “सुशासन के लिए आवश्यक पुनर्गठन” कहा है। अब सबकी निगाहें भूपेंद्र पटेल की नई टीम पर टिकी हैं, जो आने वाले समय में गुजरात की राजनीतिक दिशा तय करेगी।

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