देहरादून: सर्दियों की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड के आसन कंजर्वेशन रिजर्व में एक बार फिर विदेशी मेहमानों का आगमन शुरू हो गया है। दूर साइबेरिया और मध्य एशिया की बर्फीली ठंड से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर आने वाले ये पक्षी अब इस शांत जलाशय को अपना अस्थायी ठिकाना बना रहे हैं।
2020 में उत्तराखंड की पहली रामसर साइट के रूप में मान्यता प्राप्त आसन कंजर्वेशन रिजर्व, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल की सीमा पर स्थित है। यह स्थान अब तक 250 से अधिक पक्षी प्रजातियों का घर बन चुका है। इनमें से कई प्रवासी पक्षी जैसे साइबेरियन क्रेन, ब्राम्हिणी डक, पिनटेल, कॉमन टील और रेड क्रेस्टेड पोंचर्ड यहां हर साल देखे जाते हैं।
साइबेरियन पक्षी यहां अक्टूबर से मार्च तक रहते हैं। सर्द प्रदेशों में भोजन और गर्माहट की कमी के चलते वे अपेक्षाकृत गर्म उत्तराखंड की झीलों और जलाशयों की ओर रुख करते हैं। यहां का अनुकूल मौसम, शांत वातावरण और प्रचुर भोजन उन्हें सुरक्षित प्रवास का अनुभव देता है।
इन विदेशी पक्षियों का आगमन न केवल जैव विविधता को समृद्ध करता है, बल्कि उत्तराखंड पर्यटन को भी नया आयाम देता है। हर साल हजारों पर्यटक और पक्षी प्रेमी आसन झील पहुंचकर इन दुर्लभ पक्षियों की झलक पाने के लिए उत्सुक रहते हैं।
वन विभाग ने भी इन प्रवासी मेहमानों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतज़ाम किए हैं। नियमित निगरानी, शिकार पर रोक, और स्थानीय समुदायों को जागरूक करने की पहल से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पक्षियों का प्रवास सुरक्षित और शांतिपूर्ण हो।
प्रकृति के इस अद्भुत संतुलन को देखकर यह साफ झलकता है कि उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि यह जैव विविधता के संरक्षण में भी विश्व मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।