13 मई चौक फिर बना क्रांति का केंद्र, राष्ट्रपति राजोएलिना की कुर्सी पर संकट!

मेडागास्कर की राजधानी अंतानानारिवो शनिवार को एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल का केंद्र बन गई, जब सेना के कुछ जवानों ने युवा प्रदर्शनकारियों — यानी जनरेशन-ज़ेड आंदोलन — का साथ देते हुए ऐतिहासिक 13 मई चौक में प्रवेश किया। यह वही चौक है जो 1972, 1991 और 2009 जैसे कई राजनीतिक आंदोलनों का साक्षी रहा है।

25 सितंबर से शुरू हुआ यह आंदोलन शुरू में पानी और बिजली की भारी कमी के खिलाफ था, लेकिन धीरे-धीरे यह राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना की सरकार के खिलाफ बड़े जनआंदोलन में बदल गया। प्रदर्शनकारी अब न केवल राष्ट्रपति के इस्तीफे, बल्कि संसद के ऊपरी सदन और निर्वाचन आयोग के भंग करने की मांग कर रहे हैं।

शनिवार को हालात तब और बिगड़ गए जब सेना की *कैपसैट (CAPSAT)* यूनिट — जिसने 2009 के सैन्य तख्तापलट में अहम भूमिका निभाई थी — ने खुलकर राष्ट्रपति के आदेशों की अवहेलना की और युवाओं के समर्थन में उतर आई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सैनिकों को “जनता के साथ खड़े होने” की अपील करते देखा गया।

बढ़ते तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल जोसलीन राकोटोसोन ने टीवी संदेश में नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की और धार्मिक नेताओं से मध्यस्थता करने को कहा। उधर, राष्ट्रपति राजोएलिना ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अपना मंत्रिमंडल भंग कर नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया, लेकिन इससे हालात में सुधार नहीं हुआ।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक इन प्रदर्शनों में 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं, सरकार का दावा है कि मृतकों की संख्या सिर्फ 12 है।

13 मई चौक पर उमड़ी भीड़ को देखकर विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह मेडागास्कर की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है — जहां युवा पीढ़ी सीधे सत्ता से टकरा रही है।

 

 

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