सत्यनारायण मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार
गुवाहाटी। असम की प्रतिष्ठित डेयरी सहकारी समिति पुरोबी ने रातोंरात दूध की कीमतों में 4 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। इससे आधा लीटर दूध का पैकेट, जो पहले 33 रुपये में मिलता था, अब 35 रुपये में बिक रहा है। यह कदम असम के उन लाखों परिवारों के लिए तगड़ा झटका है, जो पुरोबी के उत्पादों से प्यार करते हैं और इनका बढ़ावा देते हैं। स्थानीय निवासियों, विशेषकर मध्यम और निम्न-आय वर्ग के लोगों में गहरा आक्रोश है, जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे हैं।
जनता की आवाज: गुवाहाटी के एक निवासी ने बताया, “दूध हमारे बच्चों और परिवार के लिए जरूरी है, लेकिन इस वृद्धि से हमारा बजट बिगड़ गया है। पुरोबी को चाहिए कि वह किसानों के साथ-साथ उपभोक्ताओं का भी ध्यान रखे।”
कीमत वृद्धि के पीछे कारण:
हाल के दिनों में चारे, परिवहन और उत्पादन लागत में बढ़ोत्तरी ने डेयरी उद्योग पर दबाव डाला है। पुरोबी ने, जो 51,000 से अधिक किसानों से 1.6 लाख लीटर दूध प्रतिदिन खरीदती है, शायद किसानों को बेहतर मूल्य देने के लिए यह कदम उठाया हो। लेकिन इसकी घोषणा में पारदर्शिता की कमी ने जनता को निराश किया है।
प्रभाव और चिंता: छोटे व्यापारी, जैसे चाय और मिठाई की दुकानें, इस वृद्धि से प्रभावित हो रही हैं। कई उपभोक्ता अब सस्ते विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
असम के लोग, जो पुरोबी के उत्पादों को अपनी संस्कृति का हिस्सा मानते हैं, इस फैसले से निराश हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
आगे का रास्ता: पुरोबी और सरकार को चाहिए कि वे उपभोक्ताओं के साथ संवाद करें और कीमत वृद्धि को उचित ठहराएं। साथ ही, सब्सिडी या स्थानीय सहकारी समितियों को मजबूत करने के उपाय पर विचार हो। असम के लोगों का प्यार और समर्थन पुरोबी के लिए अनमोल है—इसे बनाए रखने के लिए संतुलन जरूरी है।