हरिद्वार। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) द्वारा आयोजित किसानों का चार दिवसीय महाकुंभ आज से हरिद्वार में लाल कोठी पर शुरू हुआ। इस कार्यक्रम से पहले वीआईपी घाट पर मेरठ मंडल के किसानों की बैठक हुई, जिसमें देशभर से बड़ी संख्या में किसान नेता और राकेश टिकैत भी शामिल हुए।
बैठक में किसानों की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया और मोदी सरकार पर तीखे आरोप लगाए गए।
राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके संगठन के पास सरकार के 11 साल और किसानों के 11 सवाल हैं। इनमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी, बिजली के निजीकरण का विरोध, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने, दूध पालन किसान की समस्याएं, भूमिहीन किसानों की हालत, भाजपा सरकार की भूमि छीनने की नीति, और विकास के नाम पर किसानों की जमीनों को व्यापारी को देने जैसे सवाल प्रमुख हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के 11 साल में लूटने की योजना बनाई गई है, जिसमें छोटे व्यापारी और मजदूरों को भी नुकसान हुआ है। टिकैत ने कहा कि उत्तराखंड, मुजफ्फरनगर और दिल्ली में सरकार की योजनाओं के नाम पर लोगों को धोखा दिया गया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “उत्तराखंड में गाड़ी 15 साल चलेगी, मुजफ्फरनगर में 10 साल, दिल्ली में 5 साल चलेगी, यह किस तरह का प्लान है?”
राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने कई वादे किए थे, लेकिन वे वादे आज तक पूरे नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में काम कर रही है और आम आदमी की आर्थिक स्थिति को कमजोर करना चाहती है।
टिकैत ने शुगर मिलों के बकाया का भी जिक्र किया और कहा कि हरियाणा के किसानों का इकबालपुर शुगर मिल पर करीब 50 करोड़ रुपये का बकाया है, वहीं यूपी में भी कई शुगर मिलों पर किसानों का बकाया है।
इस दौरान बड़ी संख्या में किसान कार्यक्रम में उपस्थित रहे और उन्होंने राकेश टिकैत के नेतृत्व में मोदी सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया।