सुरक्षा बलों को मणिपुर में मिली अब तक की बड़ी सफलता, सैकड़ों-हजारों हथियार-अम्युनेशन बरामद

सत्यनारायण मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार
इंफाल। मणिपुर में हाल के दिनों में अशांति और हिंसा की घटनाओं ने राज्य को अस्थिर कर रखा है। 14 जून 2025 को मणिपुर पुलिस ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और भारतीय सेना के साथ मिलकर पांच घाटी जिलों—इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, कक्चिंग और थोउबल—के बाहरी इलाकों में छापेमारी की, जिसमें 328 हथियार और 5,000 से अधिक गोलियां बरामद की गईं। इस ऑपरेशन को मणिपुर में शांति और स्थिरता बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बरामद हथियारों में छह AK सीरीज राइफलें, 151 सेल्फ-लोडिंग राइफलें (SLR), 65 INSAS राइफलें, मोर्टार, पिस्तौल, कार्बाइन, 591 विभिन्न मैगजीन, 3,534 SLR राउंड, 2,186 INSAS राउंड, 2,252 .303 राइफल राउंड, 234 AK राउंड, 407 अमोघ राउंड, 20 9mm पिस्तौल राउंड, 10 ग्रेनेड, तीन लाथोड्स और सात डेटोनेटर शामिल हैं।

पृष्ठभूमि और हिंसा का संदर्भ
मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा, विशेष रूप से कुकी-ज़ो और मैतेई समुदायों के बीच, ने राज्य में गंभीर अशांति पैदा की है। इस हिंसा की शुरुआत मणिपुर हाई कोर्ट के उस आदेश से हुई, जिसमें मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें 270 से अधिक लोग मारे गए, हजारों घायल हुए और लगभग 60,000 लोग विस्थापित होकर शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
इस दौरान, मई 2023 से अब तक, भीड़ और उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों से लगभग 6,000 हथियार और लाखों गोलियां लूट लीं। इनमें AK सीरीज राइफलें, INSAS राइफलें, MP5 सबमशीन गन, मोर्टार और अन्य परिष्कृत हथियार शामिल हैं। इन लूटे गए हथियारों ने हिंसा को और बढ़ावा दिया है।
हाल की कार्रवाइयां और बरामदगी
14 जून 2025 की रात को मणिपुर पुलिस, CAPF, सेना और असम राइफल्स की संयुक्त टीमों ने खुफिया जानकारी के आधार पर इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, कछिंग और थौबल जिलों में तलाशी अभियान चलाया। इस ऑपरेशन में न केवल 328 हथियार बरामद किए गए, बल्कि विस्फोटक और अन्य युद्ध सामग्री भी जब्त की गई। मणिपुर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) ल्हारी दोरजी ल्हातू ने इसे हिंसा को नियंत्रित करने और स्थिरता बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
इसके अलावा, हाल के महीनों में सुरक्षा बलों ने कई अन्य अभियानों में भी हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं। उदाहरण के लिए:
27 मई 2025: इंफाल पूर्व के चदोंग में सेना ने 35 किलोग्राम विस्फोटक के साथ पांच IED बरामद किए।
1 जून 2025: चुराचांदपुर के खुआंगमुन में दो IED, एक .303 राइफल, चार सिंगल-बैरल राइफलें और तीन इम्प्रूवाइज्ड मोर्टार बरामद किए गए।
8-10 फरवरी 2025: थौबल जिले के काकमायाई में एक पुलिस चौकी पर हमले के बाद, सुरक्षा बलों ने नौ लूटे गए हथियारों में से आठ (तीन AK राइफलें और पांच SLR) बरामद किए।
सुरक्षा बलों की रणनीति और चुनौतियां
मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों ने लूटे गए और अवैध हथियारों को जब्त करने के लिए निरंतर अभियान चलाए हैं। इन अभियानों में भारतीय सेना, असम राइफल्स, CRPF, BSF और ITBP शामिल हैं। खुफिया जानकारी पर आधारित ये ऑपरेशन पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों में चलाए जा रहे हैं। मणिपुर के गवर्नर अजय कुमार भल्ला ने फरवरी 2025 में लोगों से लूटे गए हथियारों को स्वेच्छा से सौंपने की अपील की थी, जिसके जवाब में 1,023 हथियार और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद जमा किए गए। हालांकि, अभी भी हजारों हथियार और लाखों गोलियां गायब हैं, जो हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।
हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। लूटे गए हथियारों का उपयोग न केवल हिंसा में हो रहा है, बल्कि उग्रवादी संगठन जैसे कांग्लेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (KCP) भी इनका दुरुपयोग कर रहे हैं। 8 फरवरी 2025 को KCP के 30 सशस्त्र कैडरों ने थौबल जिले की एक पुलिस चौकी पर हमला कर नौ हथियार लूट लिए थे, जिनमें से आठ बाद में बरामद किए गए।
वर्तमान स्थिति और सामाजिक प्रभाव
हाल के दिनों में मणिपुर में हिंसा फिर से भड़क उठी है। 8 जून 2025 को थोउबल, कक्चिंग, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और बिष्णुपुर में हिंसक घटनाएं दर्ज की गईं, जिसके कारण पांच जिलों में इंटरनेट बंद करना पड़ा और कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू किया गया। आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद, जो 13 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद लागू हुआ, हिंसा पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, और केंद्र सरकार मेइतेई-कुकी समुदायों के बीच संघर्ष को हल करने के लिए वार्ता कर रही है।
निष्कर्ष
मणिपुर में सुरक्षा बलों की हालिया कार्रवाइयां, विशेष रूप से 14 जून 2025 की बरामदगी, हिंसा को नियंत्रित करने और शांति बहाल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं। हालांकि, लूटे गए हजारों हथियार अभी भी बरामद नहीं हुए हैं, और जातीय तनाव के कारण सामाजिक और राजनीतिक स्थिति जटिल बनी हुई है। मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों ने जनता से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों या अवैध हथियारों की जानकारी नजदीकी पुलिस स्टेशन या केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को दें।
मणिपुर में स्थायी शांति के लिए न केवल हथियारों की बरामदगी, बल्कि सामुदायिक सुलह और प्रभावी प्रशासनिक उपायों की भी आवश्यकता है। केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों और समुदायों के बीच विश्वास बहाली के बिना इस संकट का समाधान चुनौतीपूर्ण बना रहेगा।

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