कोलकाता।विश्वविख्यात कवि और दो देशों के राष्ट्रगान के रचयिता रवींद्रनाथ ठाकुर की बांग्लादेश स्थित पैतृक हवेली पर हुए हमले की ‘संस्कार भारती पश्चिम बंगाल’ ने कड़े शब्दों में निंदा की है। संस्था ने इस घटना को गुरुदेव की स्मृति, उनके दर्शन और समग्र बंगाली अस्मिता का अपमान बताया है।
‘संस्कार भारती पश्चिम बंगाल’ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बांग्लादेश के शाहजादपुर में स्थित रवींद्रनाथ ठाकुर की ऐतिहासिक हवेली पर उन्मादी भीड़ ने हमला कर वहां तोड़फोड़ की। संस्था ने इसे “जघन्य और निंदनीय कृत्य” करार देते हुए कहा कि यह हमला केवल एक भवन पर नहीं, बल्कि नोबेल विजेता साहित्यकार की सार्वभौमिक सोच और मानवीय मूल्यों पर आघात है।
डॉ. स्वरूप प्रसाद घोष, अध्यक्ष, और तिलक सेनगुप्ता, महासचिव, ‘संस्कार भारती पश्चिम बंगाल’ ने इस सिलसिले में एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, “गुरुदेव की यह हवेली केवल एक धरोहर नहीं, बल्कि समूचे बंगाल की सांस्कृतिक आत्मा की प्रतीक है। वहां हमला करने का अर्थ रवींद्रनाथ ठाकुर, उनके कुल के तमाम विद्वानों और सम्पूर्ण बांग्ला समाज को अपमानित करना है।”
जानकारी के अनुसार, शाहजादपुर की इस हवेली को गुरुदेव के पितामह द्वारकानाथ ठाकुर ने वर्ष 1840 में खरीदा था। गुरुदेव स्वयं भी यहां बार-बार निवास करते थे और यह स्थान उनकी रचनात्मक गतिविधियों का अहम केंद्र रहा है। दो मंजिला यह हवेली इंदो-यूरोपीय वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है और आज भी यह स्थल बांग्लादेश के सीराजगंज ज़िले में एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में जाना जाता है।
संस्कार भारती ने बांग्लादेश सरकार से मांग की है कि इस हमले में शामिल सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और गुरुदेव की स्मृति से जुड़ी इस धरोहर की तत्काल मरम्मत कर वहां उचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। संस्था का कहना है कि यह केवल बांग्लादेश का ही नहीं, बल्कि समस्त बांग्ला भाषी समाज का भावनात्मक विषय है।
बयान के अंत में संस्था ने कहा कि ऐसी घटनाएं केवल सांस्कृतिक आघात नहीं, बल्कि दो देशों की साझा विरासत को भी नुकसान पहुंचाती हैं, जिसे संरक्षित रखना दोनों देशों की नैतिक जिम्मेदारी है।