हरिद्वार, उत्तराखंड। केंद्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और उत्तराखंड ड्रग्स विभाग की संयुक्त कार्रवाई ने हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र में बिना लाइसेंस के चल रही एक दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह फैक्ट्री फूड लाइसेंस पर दवाइयां बना रही थी, जो कि कानूनी तौर पर अवैध था। कार्रवाई के दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसे पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और स्थानीय ड्रग्स विभाग की टीम ने सिडकुल क्षेत्र में छापा मारा। इस दौरान फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में दवाइयां और निर्माण सामग्री बरामद की गईं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह फैक्ट्री दवाइयों का निर्माण करने के लिए आवश्यक लाइसेंस के बिना ही ऑपरेट कर रही थी।
ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती के अनुसार, जांच में यह तथ्य सामने आया कि इस फैक्ट्री के पास दवा निर्माण का लाइसेंस नहीं था और यह केवल फूड लाइसेंस पर अवैध रूप से दवाइयां बना रही थी। फूड लाइसेंस के तहत केवल खाद्य उत्पादों का निर्माण और बिक्री की अनुमति होती है, जबकि दवाइयों के निर्माण के लिए अलग से ड्रग लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
एनसीबी अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई एक नारकोटिक्स मामले की जांच के दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर की गई। अनुमान है कि फैक्ट्री से निकली दवाइयां नशे से संबंधित हो सकती हैं, और इनकी तस्करी की योजना बनाई जा रही थी। जांच के बाद, फैक्ट्री से बरामद दवाइयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं ताकि यह पुष्टि हो सके कि ये दवाइयां किस प्रकार की हैं और उनका उद्देश्य क्या था।
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम सुनील कुमार वर्मा है, जो बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) का निवासी है। वर्मा को पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना ड्रग्स विभाग की कड़ी निगरानी और संयुक्त टीम की सफल कार्रवाई का उदाहरण है, जो इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई न केवल दवा उद्योग की सफाई के लिए जरूरी है, बल्कि यह देशभर में स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी जरूरी कदम है।