नई दिल्ली। ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी शनिवार से भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर आ रहे हैं। यह दौरा भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अपने दौरे के दौरान लैमी भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से भी वार्ता करेंगे।
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और ब्रिटेन के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) हाल ही में अंतिम रूप दिया गया है। यह समझौता 6 मई को संपन्न हुआ था और इसे यूके द्वारा यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के बाद की सबसे बड़ी द्विपक्षीय संधि के रूप में देखा जा रहा है। इस एफटीए के तहत भारत के 99% निर्यात को ब्रिटिश बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी। वहीं, ब्रिटिश वस्तुओं जैसे व्हिस्की, ऑटोमोबाइल और चिकित्सा उपकरणों के निर्यात की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाएगा।
एफटीए में दोहरे कराधान से बचाव की संधि (Double Taxation Avoidance Agreement) भी शामिल है, जिससे व्यापारियों और निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी। यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को गहरा करने के साथ-साथ रोजगार सृजन और निवेश प्रवाह को भी प्रोत्साहित करेगा।
इसके अतिरिक्त, डेविड लैमी की भारत यात्रा के दौरान क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, और वैश्विक भू-राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा होने की संभावना है। भारत की ओर से पाकिस्तान समर्थित पार-सीमा आतंकवाद का मुद्दा उठाया जा सकता है। ब्रिटेन पहले ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के पक्ष में रहा है। उल्लेखनीय है कि लैमी ने हाल ही में इस्लामाबाद का दौरा किया था, जहां उन्होंने 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने संबंधी समझौते का समर्थन किया था।
यह दौरा भारत-यूके संबंधों के एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है, जहां व्यापार के साथ-साथ रणनीतिक साझेदारी को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी है।