उत्तरकाशी। सरकार ने यमुनोत्री धाम के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आने वाले समय में यमुनोत्री धाम में चल रहे बाढ़ सुरक्षा कार्य से धाम की तस्वीर बदलेगी।
यमुनोत्री धाम की यात्रा व्यवस्थाओं के जायजा लेने पहुंचे सचिव राजस्व परिषद उत्तराखंड, सचिव पंचायतीराज चन्द्रेश कुमार ने बताया कि यमुनोत्री धाम के स्थलीय निरीक्षण के दौरान तीर्थ पुरोहितों ने धाम में कम स्थान होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जल्द उसकी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। सचिव ने बताया कि मास्टर प्लान में स्पष्ट है कि यमुनोत्री के धार्मिक स्वरूप और परंपराओं को कायम रखने के साथ ही इनकी धारण क्षमता बढ़ेगी । इस में स्थानीय लोगों के हितों और आजीविका संवर्द्धन में सहायक प्राविधान सुनिश्चित किए जाने पर सरकार विषेश ध्यान दें रही है ।
यमुनोत्री धाम में यात्रा व्यवस्थाएं चाक-चौबंद है। पिछले वर्षों की अपेक्षा जिला पंचायत उत्तरकाशी ने यात्रा पड़ाव पर हाईटेक शौचालय , जानकीचट्टी में घोड़े-खच्चर, वाहन पार्किंग आदि की बेहतरीन व्यवस्थाएं की है। बता दें कि शनिवार यमुनोत्री धाम की यात्रा व्यवस्थाओं के स्थलीय निरीक्षण ने उत्तराखंड शासन/आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तराखंड, सचिव पंचायतीराज चन्द्रेश कुमार ने बताया यमुनोत्री धाम में आयें श्रद्धालुओं का भी फीडबैक लिया है। चारधाम यात्रा से लौट कर श्रद्धालु अच्छा अनुभव लेकर जा रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने चारधाम यात्रा से जुड़े आलाअधिकारियों के साथ बैठक की उन्होंने चारधाम यात्रा से जुड़े आलाधिकारियों, जिला पंचायत को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए है । रविवार सुबह सचिव श्री यादव ने भारी बारिश के बीच पैदल यात्रा कर यमुनोत्री धाम पहुंच कर मां यमुना के दर्शन किये।
इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने पंचायत सचिव से यमुनोत्री धाम की समस्याओं पर चर्चा किया । तीर्थ पुरोहितों ने यमुनोत्री धाम में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या के चलते धाम में कम स्थान पर गंभीर चिंता जताई है। इधर निवर्तमान जिला पंचायत प्रशासक दीपक बिजल्वाण ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चारधाम यात्रा पर पूरा फोकस है। मुख्यमंत्री स्वयं चारधाम यात्रा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम में बारिश के बीच भी रिकॉर्ड तोड श्रद्धालु पहुंच कर अच्छा अनुभव लेकर जा रहे हैं। लेकिन चंद जनप्रतिनिधि अपने निजी स्वार्थ के लिए धार्मिक स्थलों पर भी ओछी राजनीति करने की कुचेष्टा करते हैं।