डॉ शारदा प्रसाद की कविता संग्रह गुलमोहर-सी जिंदगी का लोकार्पण

नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली, के मुख्यालय में डॉ. प्रेमचंद पातंजलि, पूर्व कुलपति, पूर्वांचल विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में गोष्ठी का किया गया। डॉ. शारदा प्रसाद की नवीनतम सद्य: प्रकाशित काव्य-संग्रह “गुलमोहर-सी जिंदगी” का लोकार्पण डॉ प्रेमचंद पातंजलि, पूर्व कुलपति, पूर्वांचल विश्वविद्यालय, डॉ. हरि सिंह पाल, महामंत्री, नागरी लिपि परिषद, आचार्य ओम प्रकाश जी, कोषाध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद, श्रीमती अंजलि सुमित बर्मन के द्वारा किया गया।

सभी सदस्यों ने डॉ. शारदा को बधाइयां एवं शुभकामनाएं दीं तथा उनकी यह साहित्यिक यात्रा अनवरत चलती रहे, इसकी शुभकामनाएं दीं। डॉ. हरि सिंह पाल जी ने परिषद की पत्रिका “नागरी संगम” की पत्रिकाएं भी भेंट कीं। डॉ शारदा ने संग्रह की कविताओं में से ‘प्रकट भए रघुराई” और ” अंधों की बस्ती” कविता का पाठ किया। इससे पूर्व डॉ. शारदा की आठ मौलिक पुस्तक और सात संपादित पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं। यह उनकी 16वीं पुस्तक है।
डॉ सत्येंद्र सिंह, डॉ मनोज कैन, अंजलि राव एवं कृष्ण ने डॉ. शारदा को बधाइयां दी हैं।

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