आदिगुरू शंकरचार्य की गद्दी के साथ नारायण सखा उद्धव और गरूड उत्सव डोली पहुंची बदरी धाम

गोपेश्वर। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने में अब एक दिन का समय ही शेष रह गया है। धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाओं के तहत शनिवार को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, उद्धव और नारायण वाहन गरुड़ की उत्सव डोलियां परम्परा अनुसार बदरीनाथ धाम पहुंच गई हैं। जबकि भगवान कुबेर जी की उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव स्थित मां नंदा देवी मंदिर में पहुंच गई है।

धाम के कपाटोत्सव के लिए बीकेटीसी की ओर से मन्दिर को 15 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है, वहीं धाम के कपाट खुलने के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में देश और विदेश के श्रद्धालुओं के धाम में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। धाम में जहां तीर्थयात्रियों की आवाभगत के लिए होटल, रेस्टोरेंट और दुकानों का संचालन शुरू हो गया है, वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की ओर से भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर बदरीनाथ धाम के रावल अमरनाथ नंबूदर, ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल सहित बीकेटीसी के अधिकारी, कर्मचारी और हजारों की संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहे।

श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने का कार्यक्रम

-कपाट खुलने की तिथि रविवार चार मई।

-चार मई सुबह चार बजे मंदिर समिति अधिकारी कर्मचारी मंदिर परिक्रमा में उपस्थित होंगे।

-सुबह साढे चार बजे श्री कुबेर जी दक्षिण द्वार से मंदिर परिक्रमा में प्रवेश करेंगें।

-पांच बजे सुबह विशिष्ट अतिथि गण तथा रावल, धर्माधिकारी, वेदपाठी, हक-हकूकधारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि मंदिर परिक्रमा में पहुंचेंगे।

-सुबह साढे पांच बजे से द्वार पूजन शुरू हो जायेगा।

-ठीक प्रातः छह बजे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुलेंगे।

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