श्रीनगर। पहलगाम में हुए हमले में अब तक 27 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं कई गंभीर रूप से घायल है। टूरिस्ट स्पॉट पर मौजूदा लोगों की मदद से कुछ आतंकवादियों का स्कैच बनवाया गया है। जिसकी पहचान आसिफ फौजी, अबु तल्हा, सुलेमान शाह के रूप में हुई है। साथ ही लोगों से अपील की गई हैं अगर इन आतंकवादियों को कहीं भी देखा जाए तो तुरंत पुलिस को इसकी सुचना दी जाए।
जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
बंद हुई घाटी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के विरोध में बुधवार को पूरी कश्मीर घाटी में 35 वर्षों में पहली बार बंद देखा गया। इस बंद को समाज के हर वर्ग के लोगों और संगठनों का समर्थन मिला। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। पूरी घाटी में, विशेषकर महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में अधिकतर दुकानें, ईंधन स्टेशन और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। उन्होंने बताया कि शहर भर में केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुली रहीं। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक परिवहन भी कम है, लेकिन निजी वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में निजी स्कूल भी बंद हैं, लेकिन सरकारी स्कूल खुले हैं।
उन्होंने बताया कि बंद का असर घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में भी देखा गया। घाटी में कई स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी हुए, प्रदर्शनकारियों ने हमले की निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या रोकने की मांग की। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम में आंतकी हमले के विरोध में कई राजनीतिक दलों, सामाजिक-धार्मिक संगठनों, व्यापार निकायों और नागरिक समाज समूहों ने कश्मीर बंद का आह्वान किया है। सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी उन राजनीतिक संगठनों में शामिल हैं जिन्होंने हमले के विरोध में बंद का समर्थन किया।
जांच में जुटी NIA
वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के स्थल पर पहुंच गई है। एनआईए हमले के पूरे तरीके का आकलन करेगी, फोरेंसिक साक्ष्य जुटाएगी और अपने प्रारंभिक तथ्य-खोज अभ्यास के हिस्से के रूप में स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी।