आसपास के ग्रामीण डरे सहमे हैं
रजरप्पा(रामगढ़)।रामगढ़ जिले के रजरप्पा प्रोजेक्ट क्षेत्र के भुचुंगडीह में कोयले के बंद पड़े अवैध खदान के मुहाने से भीषण आग निकल रही है। यह आग रजरप्पा थाना क्षेत्र के भैरवी नदी के किनारे से आसानी से देखी जा सकती है। यह कोई साधारण आग नहीं है। जिस स्थान से जमीन के अंदर से आग निकल रही है वह बंद पड़े खदानों की अवैध मुहाने है। इस भीषण आग की भयावहता से आसपास के लोग डरे सहमे हुए हैं। आग की तीव्रता को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आग के कारण होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचेगा। आग पर काबू पाने के लिए न ही सीसीएल प्रबंधन आगे आया है न ही पुलिस और जिला प्रशासन। किसी ने काबू कर पाने के लिए कोई प्रबंध नहीं किये है। दूसरी ओर गर्म हवा से आग की तीव्रता बढ़ती जा रही है।
रजरप्पा थाना क्षेत्र के रजरप्पा मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले भुचुंगडीह बस्ती के पास भैरवी नदी है। यहाँ कोयला माफियाओं द्वारा कोयले का अवैध उत्खनन किया जाता रहा है। बाद में खदानों को ऐसे ही छोड़ दिया गया। जिन खदानों को खुला छोड़ा गया है वहां से धुंआ और आग की लपट इलाके में दहशत का मौहाल निर्मित कर रही है। इस प्रकार की मानवीय भूल के कारण अंततः इसका दंश भी मानव को ही झेलना पड़ रहा है।
स्थानीय लोग जब धुएँ को देखकर मौके पर पहुंचे तो देखा कि अवैध खदान में आग धधक रही है। आसपाल धुआँ इस कदर छा गया है कि लोगों को सूरज की रोशनी तक नजर नहीं आ रही थी। भीषण आग की वजह से स्थानीय लोग काफी डरे सहमे हुए हैं। एक स्थानीय युवक ने बताया कि वह इतना डरा हुआ है क्योंकि चारों ओर धुँआ ही धुँआ दिख रहा है। युवक को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं यह आग धीरे-धीरे उनके घरों तक ना पहुँच जाए, इसी को लेकर लोग काफी भयभीत है।
भुचुंगडीह के वार्ड सदस्य ने बताया कि पूरे मामले को लेकर सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड और पुलिस को सूचना दी जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन के तरफ से लोग आते हैं और मुआयना करके चले जाते हैं। अभी आग और धुआं निकल रहा है, उससे लोग डरे हुए हैं क्योंकि पास में ही भुचुंगडीह की बस्ती का रिहायशी इलाका है।
लोगों को डर सता रहा है कि कही यह आग बढ़ते-बढ़ते उनकी जमीन तक न पहुंच जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कुँए की खुदाई होती है तो नीचे कोयले का अंश रह जाता है।
जिस जगह पर आग लगी हुई है। वहाँ से मुख्य सड़क की दूरी करीब 1 किलोमीटर है। इसी रास्ते से लोग शक्ति पीठ स्थल माँ छिन्नमस्ता मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं। इस आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नदी किनारे से धुएं का गुब्बार दूर से ही दिख रहा है।