बंगाल में हिन्दुओं पर हो रही हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद ने किया धरना-प्रदर्शन

वक्फ बिल तो केवल बहाना था,असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था:मनोज पोद्दार

बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम रामगढ़ उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया

रामगढ़।पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं पर रही लगातार हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद रामगढ़ जिला के द्वारा शनिवार को रामगढ़ के सुभाष चौक के निकट एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से विश्व हिन्दू परिषद झारखंड प्रांत के प्रांत सह मंत्री मनोज पोद्दार उपस्थित रहे। धरना प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद के आयाम संगठन बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी और मातृशक्ति के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सहित गणमान्य लोग सैकड़ो की संख्या में उपस्थित रहे, धरना प्रदर्शन में बैठे लोगों ने हाथों में पश्चिम बंगाल सरकार के विरोध में लिखे स्लोगन वाले तख्ता लेकर और नारे लगाकर विरोध किया गया। विहिप के प्रांत सह मंत्री मनोज पोद्दार ने कहा कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है, उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए।

मुस्लिम भीड़ द्वारा 11 अप्रैल, 2015 को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी और यह एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी । इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। इस उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, सैकड़ो हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा ।
उनके पास जाकर उनकी चिंता एवं सहायता करने की अपेक्षा ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामो से मिल रही है जिनमें से एक इमाम ने एक दिन पहले ही धमकी दी थी कि अगर ममता बनर्जी ने उनका साथ नहीं दिया तो वह उसकी औकात बता देंगे। अब ये सारे तथ्य सामने आने पर यह समाचार मिल रहा है कि ममता बनर्जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड्यंत्र कर रही है। आज की बंगाल की स्थिति से यह स्पष्ट है कि ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है।बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है ।बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है।हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को अनुमति मिल पाती है । उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है।हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है।तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए विवश है।

आज यह हिंसा मुर्शिदाबाद से निकलकर संपूर्ण बंगाल में फैलती जा रही है।

अब यह बंगाल तक भी सीमित नहीं रहेगी। इसलिए देश की जनता मांग करती है कि बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।बंगाल की हिंसा की जांच NIA के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए। बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था।
हमें विश्वास है की राष्ट्र की सर्वभौंमिक्ता और साम्प्रदायिक सदभाव बनाये रखने के लिए आप अविलम्ब और त्वरित कार्यवाही करेंगी।

विश्व हिंदू परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम रामगढ़ उपयुक्त सौंपा ज्ञापन।

विश्व हिंदू परिषद रामगढ़ जिला के एक प्रतिनिधि मंडल ने धरना प्रदर्शन के पश्चात पश्चिम बंगाल के हिंदुओं की सुरक्षा, हिंदुओं के उपर हमला करने वाले जिहादियों पर कार्रवाई सहित पश्चिम बंगाल त्वरित राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम रामगढ़ उपायुक्त चंदन कुमार को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपने वालों में विहिप जिला मंत्री छोटू वर्मा, जगत नारायण शाह,राजू चतुर्वेदी,राजेश ठाकुर, जोगेंद्र सिंह जग्गी सहित अन्य शामिल थे।

धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल,जिला मंत्री छोटू वर्मा,सह मंत्री जगत नारायण शाह,बजरंग दल पूर्व संयोजक राजेश ठाकुर, छावनी परिषद उपाध्यक्ष अनमोल सिंह,बजरंग दल जिला संयोजक भागीरथ पोद्दार, जिला सत्संग प्रमुख संतोष सिंह,गौतम महतो, जोगेंद्र सिंह जग्गी,जिला मिलन केंद्र प्रमुख महेंद्र ठाकुर, दुर्गा वाहिनी जिला संयोजिका अनामिका श्रीवास्तव,सह संयोजिका प्रियंका कुमारी,प्रितम रंजक,विनय शर्मा, विनोद जयसवाल,विराज पोद्दार, रंजीत साव,रामा करमाली, अभिषेक खत्री,शिवा प्रजापति,गीति कुमारी,आकाश सिंह,अनिता पाठक,रेखा देवी, निलू देवी,सुमन देवी,मीना देवी, लक्ष्मी कुमारी,मंजू देवी,आशा देवी,नेहा,संगीता देवी,सोमरी देवी,पुनम देवी,कलावती कुमारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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