हिमाचल में आंधी-तूफान से भारी तबाही, अंधेरे में डूबे सैकड़ों गांव, ओलावृष्टि से फसलें हुईं क्षतिग्रस्त
शिमला। हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचायी और व्यापक व्यवधान उत्पन्न किया। राज्य में 50 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से चली हवाएं, बिजली गिरने और बारिश होने के कारण कई जिलों में भारी नुकसान हुआ, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ, विशेष रूप से चंबा, डलहौजी, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन और शिमला ज्यादा प्रभावित हुआ।
इस भीषण मौसम के लिए उत्तरदायी तूफानी रेखा की लंबाई लगभग 210 किमी है, जो उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक फैली हुई है तथा राज्य के अधिकांश भाग को प्रभावित कर रही है। कल देर रात आए तूफान ने पेड़ों को उखाड़ दिया और बिजली की लाइनों को नुकसान पहुंचाया, जिससे सैकड़ों गांव और घर अंधेरे में डूब गए। तूफान के बाद से कांगड़ा, बड़सर, सुजानपुर, ऊना और चंबा जैसे जिलों के साथ-साथ शिमला शहर का आधा हिस्सा बिजली रहित है।
मैदानी इलाकों में गेहूं की फसल और शिमला, कुल्लू और चंबा जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण आम, बेर, खुबानी, आड़ू, फूलगोभी और मटर की फसल भी क्षतिग्रस्त हुई है।
कांगड़ा में शादी समारोहों के लिए लगाए गए टेंट उड़ गए, जिससे स्थानीय लोगों में रात एक बजे तक दहशत का माहौल रहा। कुछ स्थानों पर 85 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिससे प्लास्टिक की पानी की टंकियां, छतें और पेड़ गिर गए और राज्य की परिवहन और संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई।
शिमला में बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण पानी आपूर्ति नियमित 42 एमएलडी से घटकर 37.44 एमएलडी रह गई। हालांकि, एसजेपीएनएल के जनसंपर्क अधिकारी साहिल शर्मा ने कहा कि ढली, संजौली और रिज टैंकों में पर्याप्त भंडारण होने के कारण नियमित जलापूर्ति प्रभावित नहीं हुई है।
आंधी आने से पहले, बुधवार को जंगल कैंप हिंदी के पास अचानक आई बाढ़ के कारण पांगी-उदयपुर मार्ग भी अवरुद्ध हो गया, जिससे 29 महिला कांस्टेबलों सहित 66 पुलिसकर्मी फंस गए। हिमाचल दिवस समारोह के लिए तैनात सरकारी कर्मचारी कल खराब मौसम के कारण बीच रास्ते में ही फंस गए।
एचआरटीसी की तीन बसें और उनके ड्राइवर और कंडक्टर भी फंस गए। फंसे हुए लोगों को बचाकर सुरक्षित रूप से वन विश्राम गृह हिंदी और बीआरओ कैंप में पहुंचाया गया। पिघलते ग्लेशियरों से लगातार पानी के बहाव के कारण मलबा हटाने एवं यातायात बहाल करने के लिए सीमा सड़क संगठन द्वारा प्रयास अभी भी जारी हैं।
मौसम विभाग ने 18 और 19 अप्रैल को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला और लाहौल-स्पीति जिलों में भारी बारिश और आंधी-तूफान के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अन्य क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी है। इस दौरान तापमान में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने का अनुमान है और यह 21 अप्रैल से यह पुनः बढ़ने लगेगा।