देहरादून। जिला कारागार हरिद्वार में एक साथ 15 कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव पाये जाने से प्रशासन में मचा हडकम्प शीर्षक से खबर सोशल मीडिया एवं कुछ समाचार चैनल पर प्रसारित की गयी है। इस सम्बन्ध में हरिद्वार जेल के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने मीडिया में दिया बयान । मनोज कुमार ने कहा कि जिला कारागार हरिद्वार में 15 बंदी एच.आई.वी. पॉजिटिव में त्रुटिपूर्ण है क्योंकि जिला कारागार हरिद्वार में बंदी एच.आई.वी. पॉजिटिव निरूद्ध हैं और ये सभी बंदी अभी तत्काल हुई किसी जांच में संक्रमित नहीं पाये गये हैं बल्कि ये सभी बंदी कारागार में अलग-अलग समय पर की गयी स्क्रीनिंग / जांच में पॉजिटिव पाये गये थे, जो कि कारागार में पूर्व से ही निरूद्ध हैं।
कारागार विभाग में प्रचलित प्रक्रिया के अनुसार कारागार में प्रवेश करने वाले प्रत्येक बंदी का एन.एच.आर.सी. द्वारा निर्धारित प्रारूप पर चिकित्सा परीक्षण / हैल्थ स्क्रीनिंग की जाती है तथा एच.आई.वी. जांच की जाती है जिस हेतु उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति तथा एलायन्स इंडिया द्वारा “रैपिड टेस्टिंग किट” कारागारों में उपलब्ध करायी जाती है। जांच में एच. आई.वी. पॉजिटिव पाये गये बंदियों की प्रक्रिया के अन्तर्गत आई०सी०टी०सी० केन्द्र से कन्फर्मेशन जांच करवायी जाती है तथा कन्फर्मेशन जांच में भी पॉजिटिव पाये जाने पर निकटतम ए०आर०टी० केन्द्र से अन्य जांचे कराकर उपचार प्रारम्भ किया जाता है, यह एक सतत् प्रक्रिया है।
कारागार प्रशासन तथा गृह विभाग कारागार में निरूद्ध बंदियों की चिकित्सा जांच/उपचार के प्रति सदैव ही संवेदनशील रहकर समय से उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराता रहा है और आगे भी अपने इस दायित्व का सम्यक रूप से निर्वहन करता रहेगा।