कुट्टू आटा स्पलाई करने वाली फर्म को किया जाय ब्लैक लिस्टेड : डॉ. प्रतिमा सिंह

देहरादून।  प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने कुट्टू आटे में मिलावट के मामले गम्भीर चिंता का विषय बताते हुए कहा कि विकासनगर की जिस फर्म द्वारा देहरादून में कुट्टू का आटा सप्लाई किया गया है उसको ब्लैक लिस्टेड करते हुए उस फर्म के मालिकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए तथा खाद्य पदार्थ जैसी चीजों में मिलावट के लिए जिम्मेदार विभाग के उच्चधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है अब सरकारी भ्रष्टाचार की भेंट आम आदमी का निवाला भी चढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में नव रात्रि के व्रत चल रहे हैं तथा इन व्रतों में अधिकतर वर्ती भोजन में कुट्टू आटे का उपयोग करते हैं परन्तु जिस प्रकार कुट्टू आटे का सेवन करने से सैकडों लोग जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं उससे न केवल सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खुली है अपितु आम आदमी की रोटी पर भी सरकारी विभागों के भ्रष्टाचार का साया मंडरा रहा है।
डॉ0 प्रतिमा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी सरकार के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए चिकित्सालय में जाकर कुट्टू आटे का सेवन करने वाले पीड़ितों का हाल तो पूछा परन्तु इस बारे में प्रदेश की खाद्य मंत्री का न तो कोई वक्तव्य आया है और न ही अभी तक इसके लिए जिम्मेदार फर्म के मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है तथा न ही खाद्य विभाग के जिम्मेदार उच्चधिकारियों के खिलाफ ही कोई एक्शन लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी देहरादून द्वारा रायपुर गुल्ल्र घट्टी स्थित गोदाम के निरीक्षण में पाया गया कि आधे से अधिक खाद्य पदार्थ खाने योग्य नहीं हैं फिर भी उन्हें आम जनता को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इस प्रकार के कई प्रकरण सामने आये हैं परन्तु समय बीतने के साथ ही जनता और सरकार दोनों ही भूल जाते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एफडीए की रिपोर्ट के अनुसार, विगत वर्ष जनवरी 2024 से मई 2024 तक 1763 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए, तथा जिन खाद्य पदार्थाे के सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली उसमें से 60 सैंपल मानकों पर फेल साबित हुए हैं. जिसमें फल, मसालों, तेल, दुग्ध और दुग्ध प्रोडक्ट शामिल हैं। इस प्रकार प्रदेश में खाद्य पदार्थों की मिलावट के रैकेट तथा खाद्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही व मिलीभगत का भी पता चलता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार खाद्य सामग्री में मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई तथा इसके लिए जिम्मेदार विभागीय पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जो भविष्य के लिए नजीर साबित हो।

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