दुबई। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम पर रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम रविवार को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में 2013 की जीत के इतिहास को दोहराने के इरादे से न्यूजीलैंड के खिलाफ मैदान पर उतरेगी। भारतीय टीम तीसरी बार बहुप्रतिष्ठित प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची है जहां उन्हे मजबूत न्यूजीलैंड से मुकाबला करना है जो अपने पहले खिताब के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाने को तैयार है। न्यूजीलैंड विश्व क्रिकेट में लगातार एक ताकत रहा है, जिसने हाल के टूर्नामेंटों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।
कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, वे (न्यूजीलैंड) बहुत अच्छी टीम हैं। मैं उन्हें करीब से देख रहा हूं और वे असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी खेल शैली काबिल ए तारीफ है। हालांकि जैसा कि इतिहास ने दिखाया है, फाइनल अप्रत्याशित हो सकते हैं। भारत इस प्रतियोगिता में प्रमुख खिलाड़ियों के असाधारण प्रदर्शन से मजबूत होकर उतरेगा।” दबाव वाले मैचों में अपने कौशल के लिए प्रसिद्ध विराट कोहली ने एक बार फिर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया है। बल्लेबाजी का महारथी अकेले आईसीसी नॉकआउट इवेंट में एक हजार रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं।
सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी मैच जिताऊ पारी ने उनकी चेज मास्टर के रूप में प्रतिष्ठा को फिर से पुख्ता किया। केएल राहुल ने निचले क्रम में महत्वपूर्ण रन बनाए हैं। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी नाबाद 42 रनों की पारी और बांग्लादेश के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन ने टीम के लिए उनके महत्व को और मजबूत किया है। बल्ले और दस्ताने दोनों से, राहुल भारतीय अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुये हैं। न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी की ताकत रचिन रवींद्र और केन विलियमसन के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें ग्लेन फिलिप्स मध्य क्रम में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। रवींद्र के सभी पांच वनडे शतक आईसीसी इवेंट्स में आए हैं। अगर वह चले तो न्यूजीलैंड भारत को एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है। मोहम्मद शमी की अगुवाई वाली भारत की गेंदबाजी इकाई मजबूत रही है।
भारत के दूसरे किंग कहे जाने वाले शमी इस टूर्नामेंट में अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल को बदलने वाले प्रदर्शन सहित उनके घातक स्पेल ने भारत के फाइनल तक पहुँचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वरुण चक्रवर्ती की अगुआई में स्पिन विभाग से भी अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है। हालांकि, न्यूजीलैंड के पास गेंदबाजी विभाग में कई बेजोड़ गेंदबाज है, जिसमें मैट हेनरी, माइकल ब्रेसवेल और विलियम ओ’रूर्के की भूमिका अहम साबित हो सकती है। कप्तान मिशेल सेंटनर का नेतृत्व और दबाव में संयम कीवियों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
भारत, तीन बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम है, जो 2013 की जीत को दोहराने और अपने इतिहास में एक और आईसीसी खिताब जोड़ने के लिए उत्सुक होगी। दूसरी ओर, न्यूजीलैंड, जिसने अपने पिछले चार आईसीसी फाइनल गंवाए हैं, इस टूर्नामेंट में अपनी जीत का सिलसिला तोड़ने और 2000 की जीत के गौरव को फिर से हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित होगा। अब तक के सबसे ऊंचे दांव के साथ, क्रिकेट की दुनिया इस रविवार को दुबई में एक रोमांचक मुकाबले का इंतजार कर रही है। क्या भारत अपना दबदबा मजबूत करेगा, या न्यूजीलैंड ऐतिहासिक बदलाव की पटकथा लिखेगा। वर्चस्व की लड़ाई के रूप में सभी की निगाहें ग्रैंड फिनाले पर होंगी।