न्याय विभाग अदाणी मामले की जांच और मुकदमे से दूर हो जाएगा: मार्क मोबियस

दुनियाभर के इमर्जिंग मार्केट्स के लिए मोबियस EM अपॉर्च्‍यूनिटीज फंड चलाने वाले मार्क मोबियस ने कहा है कि अदाणी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ अमेरिका के न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा दाखिल किया गया आरोप पत्र सिर्फ पैसों की बर्बादी है। जैसे ही अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद का कार्यभार सभालेंगे, तो विदेशी व्यवसायों के साथ सरकारी कार्यालयों को जोड़ने वाली ऐसी व्यर्थ कवायद शायद समाप्त हो जाएगी। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर अमेरिकी न्याय विभाग की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि क्या इसका इस्तेमाल राजनीति से प्रेरित कार्यों के लिए किया जा रहा है।

दिग्गज निवेशक ने कहा कि मेरा मानना है कि इसका एक और अर्थ यह होगा कि अमेरिका में न्याय विभाग का पुनर्गठन किया जाएगा तथा उसे विदेशी मामलों में कम से कम तथा घरेलू मामलों में अधिक से अधिक शामिल होने के लिए कहा जाएगा। अमेरिका के न्याय विभाग और यूएस सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) द्वारा न्यूयॉर्क की एक जिला अदालत में अदाणी समूह के अधिकारियों के खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया गया है। अदाणी समूह द्वारा इन आरोपों को आधारहीन बताया गया और साथ ही कहा गया कि इसके बचाव के लिए सभी जरूरी कानूनी सहायता ली जाएगी।

अमेरिका से संबंधित घटनाक्रमों के बावजूद अदाणी समूह के शेयरों के अच्छे प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा कि अदाणी समूह के पीछे पड़े हेज फंडों की पोजीशन अब समाप्त हो गई है। मोबियस ने आगे कहा, ‘बहुत सारे निवेशकों ने इस बात पर ध्यान देना शुरू कर दिया है कि अदाणी पर दबाव है, लेकिन समूह आराम से अपने कारोबार का संचालन कर पा रहा है और भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेगा।’
अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों के बाद आई गिरावट से उबरते हुए अदाणी समूह के शेयरों में तेजी देखने को मिली है और समूह का मार्केट कैप तीन दिनों में 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ा है। अमेरिकी फाइनेंशियल रिसर्च फर्म बर्नस्टीन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा समय में अदाणी ग्रुप की कंपनियों की वित्तीय स्थिति 2023 में हुए हिंडनबर्ग हमले के मुकाबले काफी मजबूत है।
इस साल की शुरुआत में विशेषज्ञों ने अदाणी समूह की कुछ व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ एक टूलकिट का पर्दाफाश किया, जिसमें कम्युनिस्टों, पाकिस्तानियों, इस्लामी कट्टरपंथियों, अरबपति सोरोस और पश्चिमी डीप स्टेट के एक कार्टेल को जोड़ा गया था। इस साल की शुरुआत में विदेशी मीडिया संगठनों द्वारा पहले की तरह ही अदाणी ग्रुप पर आरोप लगाए गए, लेकिन वह भारतीय शेयर बाजार को गिराने में असफल हुए। इस साल की शुरुआत में एक रिपोर्ट में डिसइन्फो लैब ने कहा कि नकली डेटा और मनगढ़ंत कहानियों के साथ भारत की छवि को निशाना बनाने वाले कई मोर्चे अरबपति सोरोस से जुड़े पाए गए हैं।

मोबियस ने आगे कहा कि “चीन+1″ रणनीति के तहत भारत में नया निवेश आ रहा है और कई बड़ी कंपनियां यहां निवेश कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने, मटेरियल और उपकरणों के विनिर्माण के लिए एक पसंदीदा स्थान बनने जा रहा है, यह चीन की कीमत पर होगा।” मोबियस ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था का डिजिटाइजेशन कर एक बेहद महत्वपूर्ण काम पूरा किया है।

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