प्रधानमंत्री के स्वागत में जुटे हर्षिल-मुखवा के लोग, प्रशासन की तैयारियां भी जोरों पर

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 फरवरी को गंगोत्री के शीतकालीन वास मुखवा व हर्षिल पहुंच रहे हैं। प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर उत्तरकाशी जिले के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में तेजी से तैयारियां की जा रही हैं। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हर्षिल-मुखवा को सजाया-संवारा जा रहा है और युद्ध स्तर पर सड़कों व पार्किंग के निर्माण के साथ ही अन्य तैयारियों की जा रही हैं। हर्षिल स्थित सेना के हेलीपैड तक बनाई जा रही सड़क के फिनिशिंग का काम भी अंतिम चरण में है। गुरुवार को प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट अपने वाहन से ही इस हेलीपैड तक पहुंचे।

सड़क न होने के कारण सेना को हेलीपैड तक पैदल ही आवागमन करना पड़ता था। सामरिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण सीमांत क्षेत्र के इस हेलीपैड के सड़क से जुड़ जाने से सेना को काफी सहूलियत होगी वहीं अतिविशिष्ट-जनों का आवागमन भी सुविधाजनक हो जाएगा। प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव में गंगा मंदिर की साज-सज्जा करने के साथ ही गांव के प्राचीन भवनों को संवारने का काम किया जा रहा है। मुखवा में मंदिर के पैदल मार्ग को नए सिरे से बनाने के साथ ही मंदिर के लिए सीढ़ी का निर्माण कराया गया है। यह सभी काम अंतिम चरण में है। मुखवा गांव से हिमालय की कई पर्वत श्रृंखलाएं पास दिखाई देती हैं। प्रधानमंत्री हिमालय और हर्षिल घाटी के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य का अवलोकन कर सकें, इसके लिए मंदिर परिसर में ही व्यू-प्वाइंट बनाया जा रहा है।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि पूरी तत्परता व गुणवत्ता से सभी कार्य अविलंब पूरा करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने मंदिर परिसर का निरीक्षण के बाद श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल व पंडा-पुजारियों के साथ बैठक कर प्रस्तावित कार्यक्रम की रूपरेखा व व्यवस्थाओं को लेकर विचार-विमर्श किया।

मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस ऐतिहासिक मौके पर ग्रामीण प्रधानमंत्री के सम्मान में पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुति देने की तैयारी में भी जुटे हैं। प्रधानमंत्री के प्रस्तावित भ्रमण को लेकर मुखवा गांव में उत्साह और उत्सव का माहौल है।

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