रुड़की। आरएनआई इंटर कॉलेज भगवानपुर के 7 दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के उपकुलपति व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ श्रीगोपाल नारसन ने कहा कि जब हम जाने -अनजाने में कोई गलती करते है और फिर भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने के लिए पश्चाताप करते है तो ऐसा व्यक्ति पश्चाताप की अग्नि में जलकर कुंदन बन जाता है।उन्होंने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के दौरान गांव में रास्तो व नालियों की सफाई से जुड़े संस्मरण सुनाये ।उन्होंने कहा कि यह योजना भावी पीढ़ी को राष्ट्र व समाज के प्रति आम जन के दायित्व का बोध कराती है।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद मुकेश वशिष्ठ ने कहा कि आत्मानुभूति के माध्यम से यदि हम अपने मे सुधार करे तो हमारा जीवन उत्तम बन सकता है। उनकी प्रेरणा से दो छात्रों ने अपनी उद्दंडता को स्वीकार कर भविष्य में किसी को भी कोई क्षति न पहुंचाने का संकल्प लिया।मुकेश वशिष्ठ ने मदर टेरेसा की महान सेवा से जुड़े रौचक किस्से सुनाये।अध्यक्षीय उदबोधन में डॉ अशोक शर्मा आर्य ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत 7 दिनों तक बच्चों ने अनेक रचनात्मक कार्य किए है और छात्रों के नशा मुक्ति मंचन से अभिभूत होकर कई बुजुर्गों ने भविष्य में नशा न करने की शपथ ली है।उन्होंने अतिथियों श्रीगोपाल नारसन व मुकेश वशिष्ठ का शाल ओढाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आराधना ,पूर्व कार्यक्रम अधिकारी ऋषि पाल सिंह,राजेश आर्य,चारु,सचिन व मेजबान प्रधानाचार्य सुरेंद्र कुमार मौजूद रहे।