नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान भारत में “शहरी भूमि अभिलेखों के सर्वेक्षण-पुनः सर्वेक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का सोमवार, 21 अक्टूबर को यहां के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में शुभारंभ करेंगे। भूमि संसाधन विभाग कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।
कार्यशाला में पहले दिन सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, यूके, स्पेन, नीदरलैंड, यूएई, फ्रांस, यूएसए, जापान और जर्मनी जैसे देशों के विशेषज्ञों द्वारा डिजिटल भूमि अभिलेख में सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रस्तुतीकरण दी जाएगी। प्रमुख भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फर्मों द्वारा तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यशाला के दूसरे दिन की कार्यसूची में केस स्टडीज़ को समर्पित दो सत्र शामिल हैं। पहले सत्र के विचार-विमर्श में मुख्य बल सुरक्षित भूमि अभिलेखों के क्षेत्र में उन्नत और उभरती हुई तकनीकों के साथ डिजिटल भूमि प्रबंधन, सर्वेक्षण में इस्तेमाल होने वाली कार्यपद्धतियों, तकनीकों और भूमि अभिलेखों के डिजिटीकरण विषय शामिल होंगे। दूसरा सत्र संपत्ति कराधान और शहरी नियोजन के लिए भू-स्थानिक डाटा के प्रभावी उपयोग पर केंद्रीय होगा। इस सत्र में भूमि प्रबंधन प्रथाओं में सटीकता, परदर्शिता और प्रभावकारिता के लिए एरियल फोटोग्राफी, जीआईएस, सेटेलाइट इमेजरी और आधुनिक डिजिटल उपकरणों को शामिल करने, जीआईएस आधारित संपत्ति कर प्रबंधन और स्कीमों तथा विभागों जैसे अमृत, स्वामित्व, रायपुर मेपिंग, गुवाहाटी प्रॉपर्टी टेक्सेशन, जयपुर मेपिंग, हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र तथा रक्षा सम्पदा निदेशालय के अध्ययनों के साथ शहरी नियोजन और संसाधन प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए उन्नत सर्वेक्षण तकनीकों और स्थानिक डाटा के उपयोग पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यशाला के समापन सत्र को ग्रामीण विकास राज्यमंत्री डॉ. चन्द्रशेखर पेम्मासानी संबोधित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय 01 अप्रैल 2016 से 100 प्रतिशत वित्त पोषण के साथ डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम नामक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत देश के सभी 28 राज्यों और 8 संघ राज्य क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण में अग्रणी प्रयास कर रहा है।