केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस की मजबूत स्थिति से घबराकर अफवाहें फैला रही है BJP
19 अक्टूबर को एक साथ केदारनाथ पहुंच रहे हैं कांग्रेस के चारों पर्यवेक्षक :गरिमा मेहरा दसौनी
देहरादून। केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में वातावरण प्रतिकूल देख बौखला गई है भारतीय जनता पार्टी और मनगढ़ंत अफवाहें फैलाने का काम कर रही है, यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का ।
बृहस्पतिवार को प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में मीडिया बंधुओ से बातचीत करते हुए गरिमा ने उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी की खबरों को सिरे से नकारते हुए कहा की मीडिया में दिखाई जा रही और छप रही खबरें भारतीय जनता पार्टी का षड्यंत्र है जिसमें वह हमेशा से सिद्ध हस्त रही है। गरिमा ने कहा कि जब भी भारतीय जनता पार्टी को अपनी हार सामने दिखाई पड़ती है तो वह इसी तरह के प्रपंच रचने का काम करती है।
दसोनी यही नहीं रुकी और उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भाजपा यह पहले दिन से जानती है कि केदार नाथ उपचुनाव उनके लिए टेडी खीर साबित होने जा रहा है ,इसीलिए सरकारी खर्च पर पांच-पांच काबिना मंत्रियों को दौड़ाया जा रहा है और उससे भी बात बनती नहीं दिख रही तो मुख्यमंत्री ने चुनावी पुलाव के रूप में घोषणाओं की झड़ी लगा दी है।
दसौनी ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी पांच काबिना मंत्रियों को केदारनाथ चुनाव का प्रभार देती है तो किसी को कोई परेशानी नहीं होती और उत्तराखंड कांग्रेस यदि अपने पर्यवेक्षकों की संख्या 2 से 4 कर देती है तो उसे गुटबाजी और अंतर्कलह का नाम दे दिया जाता है। दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के यह पैंतरे बहुत पुराने हो चुके हैं। उत्तराखंड कांग्रेस द्वारा नियुक्त चारों पर्यवेक्षक 19 अक्टूबर को एक साथ केदारनाथ पहुंच रहे हैं ,उत्तराखंड कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट और एक मुठ है पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण से कार्य करते हुए नवनियुक्त सभी पर्यवेक्षक गण सर्वे के आधार पर संभावित प्रत्याशियों का पैनल शीर्ष नेतृत्व को भेजने का कार्य करेंगे ।
चुनाव लड़ने के इच्छुक आवेदनकर्ता का जनाधार, उसकी छवि ,पार्टी के प्रति निष्ठा और योगदान इत्यादि प्रत्याशी चयन में मुख्य भूमिका निभाएंगे। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि केदारनाथ विधानसभा की जनता बहुत पढ़ी-लिखी और सुलझी हुई जनता है और हर बार उसने अपने विवेक से फैसला किया है। 2012 में केदारनाथ की देव तुल्य जनता ने जहां कांग्रेस प्रत्याशी को अपना विधायक चुना तो वहीं 2017 में भाजपा की 57 की सुनामी में भी कांग्रेस की सरकार गिराने का महापाप करने पर केदारनाथ की जनता ने भाजपा प्रत्याशी को सबक सिखाते हुए कांग्रेस के प्रत्याशी को चुना।
दसौनी ने कहा कि इन सब बातों से यह साबित होता है कि केदारनाथ विधानसभा की जनता अपने विवेक से निर्णय करती है, वह ना घोषणाओं के लालच में आती है और ना ही भारी भरकम मंत्रियों की उपस्थिति उन्हें प्रभावित कर सकती है ।
कांग्रेस की कलह और गुटबाजी की सभी खबरों पर विराम लगाते हुए दसौनी ने बताया की कुछ कारणों से 18 अक्टूबर का कार्यक्रम 19 अक्टूबर में तब्दील किया गया और इसी छोटी सी बात को भाजपा ने मीडिया का सहारा लेकर तिल का ताड़ बना दिया ।
गरिमा ने कहा की एक ओर केदारनाथ की जनता जहां राज्य की भाजपा सरकार से चार धाम यात्रा की अव्यवस्थाओं से नाराज है वही हाल ही में आई आपदा के समय केदार घाटी की अनदेखी से आक्रोशित है।
गरिमा ने कहा की केदारनाथ से चुनी हुई विधायक के अंतिम संस्कार में शामिल न होकर प्रदेश के मुखिया ने केदारनाथ की जनता का अपमान किया और उसी दिन दिल्ली के बौराड़ी में केदारनाथ धाम के ही नाम से एक प्रतीकात्मक मंदिर का शिलान्यास करने का महापाप किया, उस जख्म को केदारनाथ विधानसभा की जनता आज तक नहीं भूल पाई है ।
हिंदू सनातन धर्म की आड़ में राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा केदारनाथ की जनता जान चुकी है, सोना चोरी , क्यू आर कोड, गर्भ गृह की परंपराएं मान्यताएं ताक पर रखना, गुफा का नया नामकरण करना, लाइट एंड साउंड प्रोग्राम करना और बीकेटीसी की तानाशाही इन सबसे कुकृतयों से भारतीय जनता पार्टी का छद्म हिंदुत्व पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। दसौनी ने कहा कि भाजपा राज में जो बेरोजगारी और महंगाई का आलम है उससे केदारनाथ की जनता भी अछूती नहीं है। भाजपा के नेताओं की वजह से जो भर्ती प्रश्न पत्र लीक हुए उससे केदारनाथ विधानसभा की युवाओं का भी नुकसान हुआ, अग्नि वीर योजना ने उनके सपनों को भी चकनाचूर किया, भाजपा नेताओं द्वारा किये जा रहे महिला दुष्कर्मों से केदारनाथ विधानसभा की मातृशक्ति भी आहत है। इसलिए उपरोक्त सभी बातों के मध्य नजर भाजपा के केदारनाथ उप चुनाव जीतने के सारे दावे मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसे हैं।