बहराइच । जनपद के महसी तहसील में भड़की हिंसा में रामगोपाल मिश्र की बर्बरता के साथ हत्या की गई थी। गोली मारने से पूर्व उसे ऐसी कई यातनाओं से भी गुजरना पड़ा, जिसे सुनकर भी लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। उपद्रवियों ने प्लास से उसकी उंगुलियों के नाखून खींच लिए थे, इसके बाद कई बार उसे बिजली के झटके भी दिए गए। जिस वजह से उसे ब्रेन हेमरेज हो गया और उसकी मौत हो गई। जिसके बाद आरोपितों ने उसे गोलियों से भून दिया। उसके शरीर में 35 गोलियों के निशान मिले है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
मूर्ति विसर्जन के दौरान रामगोपाल की हुई थी हत्या
विदित है कि महसी के महाराजगंज थाना अंतर्गत मूर्ति विसर्जन के दौरान उपद्रवियों ने रामगोपाल को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह खुलासा हुआ कि गोली मारने से पूर्व उपद्रवियों ने उसे बहुत यातनाएं दी थी। राम गोपाल की मौत की वजह बिजली के करंट और ब्रेन हेमरेज होना बताया गया है।
करंट और नाखून खींचने की वजह से हुआ ब्रेनहेमरेज
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि राम गोपाल को एक नहीं बल्कि 35 गोलियां मारी गई थी।उसके शरीर पर कुल 35 गोलियों के निशान भी मिले हैं। पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हत्या से पहले राम गोपाल को बुरी तरह से तड़पाया गया था। करंट देने और प्लास से नाखून खींचने व धारदार हथियार से वार करने के भी निशान उसके शरीर के कई अंगों पर पाए गए हैं। साथ ही किसी नुकीली चीज से रामगोपाल की आांख के पास वार किया गया है।
मूर्ति विसर्जन के दौरान छत पर चढ़कर झंडे को उतार दिया था रामगोपाल
दरअसल, मूर्ति विसर्जन के दौरान राम गोपाल ने एक इमारत पर चढ़ कर हरे झंडे को उतार कर फेंक दिया था और उसके स्थान पर भगवा झंडा लहरा दिया था। इसके बाद विशेष समुदाये की भीड़ ने उसे अगवा कर लिया था। फिर बड़ी बेरहमी के साथ उसकी हत्या कर दी गई थी।