नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों और गैर शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत अर्जी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब दाखिल करने को कहा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने एक अक्टूबर को नोटिस जारी किया और 17 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
पीठ ने साथ ही निर्देश दिया, ‘‘इस बीच, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामलों की विशेष अदालत जिसे धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 की धारा-43 के तहत विशेष अदालत के तौर पर अधिसूचित किया गया है, दैनिक आधार पर याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगी और 10 दिनों में फैसला कर अनुपालन रिपोर्ट भेजेगी।’’
चटर्जी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 30 अप्रैल के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने उन्हें इस आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया गया था कि उनके खिलाफ पीएमएलए के तहत प्रथम दृष्टया मामला बनता है। चटर्जी को ईडी ने 22 जुलाई, 2022 को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा वित्तपोषित और सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में गिरफ्तार किया था।