देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में पिछले काफी समय से शिक्षा विभाग में शिक्षकों की मनचाहे स्थानों में तैनाती के लिए की जा रही सम्बद्धता के नाम पर भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है, जिसके चलते पर्वतीय क्षेत्र के कई विद्यालय शिक्षक विहीन हो गये हैं तथा उनमें पढने वाले बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है।
डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि 2024-25 का आधा शिक्षा सत्र समाप्त हो चुका है परन्तु अभी तक शिक्षकों के तबादलों और सम्बद्धता का सिलसिला लगातार जारी है। शिक्षा विभाग में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के कारण कई शिक्षकों द्वारा स्थानान्तरण वाले विद्यालयों में ज्वाइनिंग नहीं दी गई है तथा वे मनचाहे विद्यालय में स्थानान्तरण के लिए शिक्षा मंत्री और सचिवालय के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में लगभग 4000 प्रवक्ताओं के पद रिक्त हैं तथा प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में यह संख्या कई गुना अधिक है। जिस विषय के प्रक्ताओं के पद रिक्त पड़े हैं उस विषय के विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो रहा है परन्तु रोज नये-नये शिगूफे छोडने वाले प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ.धनसिंह रावत को इससे कोई सरोकार नहीं है।
डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष बनने वाली शिक्षकों की तबादला नीति को ठेंगा दिखाया जा रहा है तथा अपने चहेते शिक्षकों और भारी भ्रष्टाचार कर शिक्षकों को लगातार सुगम स्थानों में तैनाती दी जा रही है जबकि कई ऐसे शिक्षक हैं जो 10 वर्ष से भी अधिक समय से दूरस्थ एवं अति दुर्गम क्षेत्र में तैनात हैं उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के भविष्य का निर्माण करने वाला प्रदेश का शिक्षा विभाग आज अपनी नीतियों के कारण सबसे भ्रष्ट विभाग के रूप में जाना जा रहा है जो कि गम्भीर चिंता का विषय है।