जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर पांच साल पहले हुए घातक आतंकवादी हमले के 32 वर्षीय एक आरोपी की दिल का दौरा पड़ने से यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
काकापोरा के हाजीबल गांव का बिलाल अहमद कुचे उन 19 लोगों में शामिल था जिन पर इस मामले में औपचारिक रूप से आरोप लगाया गया है। पुलवामा के लेथपोरा में 14 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदी अपनी कार से सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था।
इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और आठ अन्य घायल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि कुचे को किश्तवाड़ जिला जेल में बीमार होने के बाद 17 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि सोमवार रात दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।
पुलवामा हमला मामले में कुचे और 18 अन्य आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 25 अगस्त, 2020 को आरोप पत्र दायर किया था। वह इस मामले में गिरफ्तार सात आरोपियों में शामिल था। कुचे और अन्य आरोपियों शाकिर बशीर, इंशा जान और पीर तारिक अहमद शाह ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को साजो-सामान मुहैया कराया था और उन्हें अपने घरों में पनाह दी थी।
आरोप पत्र रणबीर दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विदेशी अधिनियम और जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक संपत्ति (क्षति निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल किया गया था।
इस आतंकवादी हमले में शामिल तीन पाकिस्तानियों समेत छह आतंकवादी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर समेत छह अन्य आतंकवादी अब भी फरार हैं। एनआईए के अनुसार, पुलवामा हमला आतंकवादी संगठन के पाकिस्तान स्थित नेतृत्व द्वारा रची गई एक सुनियोजित आपराधिक साजिश का नतीजा था।