चम्पावत। बीते दिनों आई भीषण आपदा में लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत रोंसाल क्षेत्र में भारी तबाही मची, जिससे सड़के और पैदल रास्ते का अस्तित्व समाप्त हाे गया है। इसके कारण जीआईसी दशलेख के शिक्षक जान हथेली पर रखकर खतरनाक पहाड़ियों काे पारकर स्कूल पहुंचने काे मजबूर हैं। विद्यालय की भोजन माता झूपा देवी गुरुवार को स्कूल जाने के दौरान गिरकर घायल हो गईं, जिन्हें डोली के सहारे वाहन तक लाया गया और जिला चिकित्सालय में उनका उपचार चल रहा है।
विद्यालय की प्रधानाचार्य दीपा टम्टा ने बताया कि शिक्षकों को आठ किलोमीटर की जानलेवा पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। रास्ते के क्षतिग्रस्त हाेने से छात्राें के लिए स्कूल पहुंचना जाेखिमभरा हाे गया है। विद्यालय में आपदा के दाैरान मलबा घुस गया, जिसे शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने मिलकर हटाया, लेकिन अभी भी कक्षाएं पढ़ाई के लायक नहीं बची हैं। आपदा से विद्यालय को भारी नुकसान हुआ है।
शिक्षकों ने अपनी समस्या को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को प्रार्थना पत्र भेजा है। विद्यालय में पांच अतिथि और चार स्थाई शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि 185 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षकों और छात्राें की जान खतरे में है और पहाड़ी पार करते समय कोई भी खाई में गिरकर अपनी जान गंवा सकता है। उन्हाेंने मांग की है कि जब तक रास्ते ठीक नहीं हो जाते, विद्यालय को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाए।
एसडीएम लोहाघाट रिंकू बिष्ट ने मामले काे गंभीरता से लिया है और मुख्य शिक्षा अधिकारी से वार्ता कर विद्यालय को दो दिन के लिए बंद करने के निर्देश दिए हैं। स्थिति के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। एसडीएम ने बताया कि सड़क खोलने के लिए मशीनें लगी हुई हैं और जल्द ही मार्ग को सुचारू कर दिया जाएगा।